PANCHAYAT BILL
पंचायत की पोर्टल पर लगाये जा रहे वेंडर्स के बिल को किया जा रहा ब्लर
पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता के लिए शासन के द्वारा डिजिटल पोर्टल लांच कर पंचायत में होने वाले व्यक्ति जानकारी आम जनों तक पहुंचे के लिए सुविधा उपलब्ध कराई गई थी लेकिन पंचायत कर्मियों के द्वारा जो बिल अपलोड किया जा रहे हैं वह इतने ब्लर है या उन्हें इस तरीके से अपलोड किया गया है कि उन्हें किसी भी चश्मे से पढ़ा नहीं जा सकता पंचायत कर्मियों के इस प्रकार के कार्य से शासन के मां सुबह पर पानी फिरता नजर आ रहा है ।
कहने को तो शासन के मुखिया ताल ठोक कर डिजिटल इंडिया के साथ शासकीय पैसे के उपयोग में पारदर्शिता की बात कह रहे हैं और डिजिटल पोर्टल के माध्यम से आमजन के लिए जानकारी होना सुलभ बता रहे हैं लेकिन पोर्टल पर अपलोड जानकारी देख पा रही है यह आकलन नहीं कर पा रहे इसका नजारा आप पंचायत दर्पण पोर्टल एवं दिशा पोर्टल के साथ नरेगा के पोर्टल पर देख सकते ।
आखिर क्यों हो रहा है ऐसा ?
पंचायत से जुड़े जानकार बताते हैं कि शासन के निर्देश अनुसार पंचायत में जो भी आए के आधार पर वह राशि होती है उसके संबंधित वेंडर्स के बिल पोर्टल पर अपलोड करना होता है जिसमें सरपंच एवं सचिव की अनुशंसा भी होती है लेकिन कई बार पोर्टल पर जो अब बिल अपलोड किए जाते हैं वह मैनेजमेंट सिस्टम के चलते पर राशि से बढ़कर भी होते जिसको छुपाने के लिए बिल को ब्लर कर दिया जाता है जो की अपलोड तो होता है लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए कार्रवाई से बचने के लिए या फिर यूं कहे की शान केंद्र दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने दायित्वों को पूर्ण सही बने रहने के लिए।
वर्ष भर में चार बार ऑडिट के बाद भी नहीं पकड़ पा रहे ऑडिटर । उठ रहे सवाल ?
शासन से विभिन्न योजना के अंतर्गत पंचायत को प्राप्त राशि के आधार पर किए गए खर्चों का वर्ष भर में चार बार ऑडिट होता है प्रत्येक तिमाही में ऑडिट के साथ बैलेंस शीट का मिलान भी होता है वह बिल भी चेक किए जाते साथ ही पंचायत के कार्यों का सोशल ऑडिट भी होता है लेकिन इन ऑडिटर के द्वारा इस प्रकार के बिलों को क्यों नहीं देखा जा रहा है या यह ऑडिटर इन बिल को किन चश्मो से देख रहे हैं यह आम जनता के मन में सवाल खड़ा हो रहा है ? लोग पूछ रहे हैं कि ऑडिटर कौनसे चश्मा या स्कैनर से इन बिलों को पढ़कर ऑडिट कर रहे हैं या पंचायत प्रतिनिधियों के साथ मिलकर शासन की राशि का बंदर वाट करने में पर्दा डाल रहे ।
अधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान
ग्राम पंचायत से जुड़े पंच एवं सभापति कई बार इस मामले पर सवाल भी उठा चुके हैं शिकायतें भी हो चुकी है लेकिन अधिकारियों के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा बल्कि दिन व दिन इस प्रकार के मामले लगातार बढ़ रहे पहले जनपद पंचायत के अंतर्गत एक दो पंचायत के द्वारा इस प्रकार का कृत्य किया जाता लेकिन अब यह कृत्य आम होते जा रहा है हर पंचायत के प्रतिनिधि अपने निजी स्वार्थ एवं अपने मंसूबे को पूरा करने के लिए बिल की जानकारी सत्यता के साथ लोगों तक न पहुंचे के लिए ब्लर कर या अपलोड के पूर्व उन बिलों पर विभिन्न प्रकार के सिंबल साइन या कहें ब्लैक धब्बा कर बिल को अपलोड कर रहे है । ताकि आम जनों तक सत्यता की जानकारी ना पहुंच सकें और यह सब अधिकारियों की जानकारी के बाद जानबूझकर अधिकारी इन कार्यों पर पर्दा डाल रहे ताकि उनका भी मैनेजमेंट बना रह सके ।